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    काम

    February 10, 2021 0

    नदी का काम कितना अलग है पेड़के काम से पंगडडी का काम कितना अलग है खेत के काम से  इनके साथ साथ किसान और नवे रखने वाले भी कितने लीन रहते है अपन...

    काश जिंदेगि किताब होती

    January 27, 2021 0

    काश जींदेगी सचमुच एक किताब होती पढ़सकता में की आगे क्या होगा? क्या पाऊंगा में क्या दिल खोएगा? कब थोड़ी खुशी मिलेगी, कब दिल रोएगा? काश जिंदेग...

    खुद से खुद को मिलवाती हूं

    January 13, 2021 0

    ढलती हुई शामों की मदहोश हवाओ  मे .. अक्सर खुद को गुमराह कर लेती हू .. वक्त की दायरे से  चुरा के  कुछ लम्हे ... खुद से खुद को मिलवाती हू ...।...

    पहेली सी जिदंगी...

    October 13, 2020 0

    एक पहेली सी है ये जिंदगी... एक पहेली सी हे ये जिंदगी... ना तू उलझ इसमें... ना इससे सुलझाने के कोशिश कर... बस निभा इसतरह किरदार अपना... के रख...

    यादों में लिखा

    September 30, 2020 0

    "था एक पल और कुछ थे यादें थी एक वक्त और कुछ थे लम्हे । यादों में आज भी सतेज जैसे फूल ना कब मुर्झाए ना हो कभी धूल । नएं दोस्त बनाएं और स...

    गुजरा पल और हम

    August 25, 2020 0

    कभी कभी जिंदेगी कुछ ऐसा कर देती है ना जाने कहां सुरु की थी भूल जाते हैं । आज कल सब अपना बनने लगे हैं कल कहां थे जब हम भीग रहे थे । कुछ करने ...

    चाय की टपरी

    June 06, 2020 0

    उस दिन कोरोना के वजह से छुट्टी की घोषणा कर दी गई थी । बहुत सारे बच्चे घर जा भी चुके थे और कई जाने की तयारी में व्यस्त थे। पूरे कॉलेज में भाग...

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