यादों में लिखा
"था एक पल और कुछ थे यादें
थी एक वक्त और कुछ थे लम्हे ।
यादों में आज भी सतेज जैसे फूल
ना कब मुर्झाए ना हो कभी धूल ।
नएं दोस्त बनाएं और साथ उनके चलदी
हातों में हात थे हमारी प्यारि दोस्ती ।
समय जितना आगे बढ़ा बढ़ी डर दूरी की
फिर भी दिल कहता हे रिश्ते थे मजबूती ।
घूमना फिरना मस्ती के साथ ब्यक्त निकलता गया
साथी थे जो दिल के यादों में सिमट लिया ।
एक समय पेड़ भले ही पत्ते छोड़ देती है
पर यह भी सच है कि आगे नए यादें बनती है ।
जीवन भर के कहानी में लोग हजारों मिलेंगे
कुछ दिल पे रहेंगे और कुछ बहजाएंगे ।
हतेली आज भी देखूं तो उनके हाथ चिन्ह है
ब्यक्त बदल जाए फिर भी मुस्कान से जाएंगे ।
है वह वक्त तेरा सुक्रिया करती हूं
जो भी दिया दिल से उन्हें अदब से गले लगाती हूं ।"
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