दोस्ती
दोस्ती.....
एक खुबसुरत रिस्ता...
कभी गम का तो कभी खुसी का,
कभी प्यार का तो कभी गाली का,
कभी सच का तो कभी झुट का,
कभी साथ देने का तो कभी छोड जाने का,
दुनिया के सारे रिस्तों से उपर, दुनिया का सबसे प्यारा रिस्ता ।।
एक ऐसा रिस्ता...
जहाँ लिखते लिखते कलम थक जाये और सोचते सोचते अलफाज खत्म हो जाये,
जहाँ क्रिष्णा सुदामा एक हो जाये तो वहीँ कर्ण्ण दुर्योधन का ढाल बन जाए,
जहाँ रिस्ता पेहेले आता है और बाद मे आता है दुनिया ।।
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