ख्वाब जो टूट गये
कुछ सुनहरे ख्वाबों को, जब मैंने पलकों में संजोकर रखना चाहा, आंखों से आंसू ऐसे निकले कि, सारे ख्वाब आंसू के साथ बह गये । उन ख़्वाबों...
कुछ सुनहरे ख्वाबों को, जब मैंने पलकों में संजोकर रखना चाहा, आंखों से आंसू ऐसे निकले कि, सारे ख्वाब आंसू के साथ बह गये । उन ख़्वाबों...
तु आगे बढ़ चल रूकना नहीं झुकना नहीं यह निर्णय करले कुछ कर गुजरना है तुझे नयी ईतिहास रचना है तूझे तू आगे बढ़ चल । उगता हु...
मैं बढ़ रही थी, बचपन छूट रहा था पापा की नन्ही परी अब महलों की माल बन चुकी थी । सबकी नजरों में अब फर्क आने लगा था जिंदगी यूंही काट रही...
बहुत से ख्वाब बुनते हैं सब जब आती है बात शादी की । पर न रहता कुछ ख्वाब जैसा जब तब लगता है आगाज बर्बादी की ।। कभी तो उभरकर न...
देख तु अपने ही भीतर क्या कमी है क्यों दूसरों में खामियां टटोलता है पहले तो तू सम्भल जा स्वयं को देख मन दर्पन में तु कितना ...
कितनी निष्ठा से हम दिया जलाते है कितनी श्रध्दा से हम मन्नत मांगते है ए हवा तू खुद एक बार दिया जलाके तो दिखा तुझे पता तो चले..... बुझ...
हो चुकी बोहत, अब ये मंजर बदलना चाहिए सड़ चुकी समाज की बुनियाद हिलनी चाहिए । हर दिन , हर पल का जो डर ओ मिटना चाहिए मैं और तुम से आगे ...
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