गुरु पूजन
सुनो सुनाओ एक कहानी
जीवन का वो सर है
आज है हम जो कुछ भी
गुरु आपका आशीर्वाद है,
था जब मैं साथ साल का
शिक्षक दिवस और था
मिलेगी चॉकलेट या मिठाई सर से
यही दिल में रहता था,
फिर हुए हम थोर बड़े
यार में लड्डू फूटते थे
शिक्षक दिवस के बहाने से
गर्लफ्रेंड से मिलने जाते थे,
अब हो गया है और बड़े
समाज में सब कुछ आता है
शिक्षक दिवस के अवसर पर
सिर्फ शिक्षक ही याद रहता है,
नया नया है ये सफर
नया डागर है अंजना सा
मां बाप और गुरु के आशीर्वाद से
मेरी कशती हो जाएगी पर हं,
बोलो वो कौन सा पर है
जिन्की छाया मैं मिलता है ज्ञान
बोलो वो कौन सा इंसान नहीं
जो करे सही दिशा का पहचान,
शिक्षक दिवस के इस अवसर पर
मैं दिल से पुकार कर कहता हूं
गुरु आपके चरणो में
मैं शत शत शीश झुकता हु ।
मैं शत शत शीश झुकता हु ।
- संदीप मंडल
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