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    छोटा सा गाँव है मेरा

    Hindi Poem Chhota Sa Gaon Hai Mera (छोटा सा गाँव है मेरा) by Sanu Jena

    भले ही इतिहास के पन्नों पे 
    ना हो उसका नाम 
    ऍसा है मेरा गाँव का नाम ! 
    सूरज के उगते ही 
    चिड़ियाँ की मधुर गाना 
    किसान हल को लेकर खेती पे जाना !
    वसन्त की खिलकारीयों मे कोयल की गुनगुनाहट सून्ना
    माँ की गोद में नह्ने बच्चों की मुूसकुराना ! 
    गाँव में वो मन्दिर की घण्टी 
    घर में माँ की सजाई हुई आरती का थाल 
    दोनों ही मन को प्रफुल्लीत कर देती है !
    त्यौहारों में माँ की हाथ की बनाई हुई खीर 
    ऑर छोटी माँ बनाई हुई प्रसाद 
    अमरूत  से भी बड़  कर होती हैं !
    गाँव के मेले में पटाखे की स्वर, घर में मेहेमानों भीड़, 
    दीवाली हो या होली एेसे होती हर त्यौहारों की रंगोली !
    भले ही धरती के किसी कोने में बसा है
     मेरा छोटा सा गाँव,
    फिर भी ऍसे मनाये जाते हर त्यौहारों !
    चाँदनी रात में आसमानों के नीचे बैठ कर 
    बुर्जूगों के गप्पे लड़ाना! 
    तो कभी दादी माँ के गोद में सो कर लोरीयाँ सुनना !
    भले ही इतिहास के पन्नाें पे 
    ना हो उसका नाम
    छोटा सा है ..मेरा गाँव महान  !!

    - सानु जेना

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