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    प्यार के एहसास को सुक्रीया

    प्यार के एहसास को सुक्रीया - Pyar Ke Ehsas Ko Sukriya, a Hindi Poem by P. Purabi Mohanty

    "प्यार एक एहसास है
    कुछ जज़्बात है,
    समझ आने में देर लगे  
    ऐसा एक एहसास है ।

    बात करना अच्छा लगे 
    साथ बैठना सुकून दे,
    अनदेखी डोर ऐसी की 
    मजबूती का सोर हे ये ।

    लगे हर जगह नए नए पंख दे
    उड़ने को बेताब हूं
    प्यार की गुनगुनाहट दे ।

    सात रंगों की रंगोली जैसी
    दुनिया आज लगने लगा,
    मीठा मीठा सुर छड़े 
    कोयेल की धुन बढ़ने लगा ।

    उस पेड़ पर नए नए
    पत्ते खिले झुल रहे,
    प्यार की एहसास हे
    जींदेगी नई ढाल दे ।

    साथ खड़े साथ बैठे 
    साथ चले कुछ कदम,
    नीचे धरती रख रही 
    हमारी पैरों के वह ना मिटने के चिन्ह ।

    हवाएं चलती रही 
    भाव हमारी देखती रही,
    आंखे बंद करके तुम्हें महसूस करने लगे ।

    सुकरिया करूं उन पलों को 
    जो  कुछ नया लेके आया,
    इस जीवन में हमें दिल लगाना अच्छा आया ।"

    - पी.पूरबी महांती
    बनाईं गड़, सुंदर गड़

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