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    हमें फिर दोबारा किसी और से मोहब्बत न होगी

    हमें फिर दोबारा किसी और से मोहब्बत न होगी

    हमें फिर दोबारा किसी और से मोहब्बत न होगी
    जो तुमको चाहा है किसी और से अब न चाहत रहेगी 
    किसी और की तरफ ये निगाहें अब न उठेंगी 
    न किसी चहरे को ये खुद में सजाने देंगी 
    अगर भूले से भी भूल जाऊँ कभी 
    तो नाम ले लेना में ना भूल पाउँगा कभी 

    तेरी यादों को दिल में है बसाया
    तेरे चहरे को है आँखों में सजाया 
    इस दिल को संभाले रखा आँखों में सराफत लिए
    खूबसूरत तो आये कई मगर 
    तुझसा कोई आँखों का नूर ना बन पाया 

    में वादे ना कर सकता तुम्हे चाँद तारे देने की 
    तुम कहो तो सिंदूर और मेहँदी ला दूंगा में 
    में वादे ना दे सकता सात जन्मो की 
    हर जनम तेरे संग रहूँगा 
    ये वादा दे सकता हूँ तुम्हें 

    वैसे तो चाहने वाले हमारे कुछ कम नहीं सेहर में 
    पर तुझसा कोई चाहने वाला ना मिला इस पुरे सेहर में 
    देखे कईयो के आँखों में तसवुर हमारे छाए हुए थे 
    पर तेरे आँखों के काजल के आगे वो कुछ मुरझाये हुए थे 

    कभी अगर रूठे तुझसे तो मना लेना 
    ना कर सको अगर इतना भी तो बस मुस्कुरा लेना 
    ना देखोगे अगर गुस्से से कभी मेरी तरफ 
    तो बस ना देखने की अदा से निगहाओं को सजा लेना 

    जब कभी याद आये मेरे यादें तुम्हे 
    या उन यादों को याद करे कभी जो तुम मुस्कुराओ 
    मेरे याद से कभी आँखों में जो तुम काजल सजाओ 
    या भीगे पलकों में कभी जो तुम रह जाओ 
    तो लौट आना ना फ़िक्र किये दुनिया की 
    फिर अगर कभी मन बदले तो दोबारा लौट जाओ 

    अगर इस बार आये तो ना जाने की बात करना 
    ना संग रह सको तो छोड़ने की बात ना करना
    एक बार दिल कोशिश कर चूका तेरे इश्क़ को भुलाने की 
    एक बार कोशिश कर चूका तेरी याद मिटाने की 
    आयी हो अगर फिर तुम मेरे दिल में तो 
    तो जाने की बात ना करना
    तो फिर दोबारा जाने की बात ना करना...

    - बिभूति रंजन पाणिग्राही

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