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    माँ

    माँ - Maa - Hindi Poem for Mothers Day

    तेरे क़दमों तले मेरा बर्तमान 
    तेरी पलकों की छाओं में अपना भबिस्य 
    अग्रणी तू मेरे लिए द्वित्य है भगवान
    तू आद्य गुरु मेँ तेरा शिष्य 

    तेरे हाथ पकड़ मैंने चलना सीखा 
    तेरे मधुर सुर से बोलना 
    में पोहंचा हर कामियाबी बुंलदियों तक 
    जब जब तूने आशीर्वाद मेरे सर है रखा 

    मैंने देखे वो आँशु 
    जब दर्द कभी मुझे होता था
    मैंने देखि वो हंसी 
    जब खुसी से मैं कभी झूमा था 

    मेरे हर दर्द को पिए तूने 
    हसना मुझे सिखाया है
    मेरे हर दुःख में साथ तेरा 
    विजय को प्राप्त कराया है 

    तेरे उपकार की गाथा बर्णित जो करूँ
    गीता पुराण भी अर्धक है 
    उस आशीर्वाद की क्या ब्याख्या करूँ 
    सत्य से भी वो अनेक है 

    सदा ही रख आशीर्वाद तेरे,
    माथे पर मेरे, माँ 
    समय के अंत तक आशिस बनाये रखना
    जब भी पुकारूँ तुझे माँ

    - बिभूति रंजन पाणिग्राही

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