राम
राम एक नाम नहीं
राम एक भाब हे,
राम सिर्फ तीर्थ नहीं
राम अपनेमें ही एक धाम हे ॥
समाज में जो दुःख सभी
सुख के स्वरतः सिर्फ राम हे,
अभाब में ही भाब का
अन्याय में भी न्याय का
आस सिर्फ राम हे ।
राम एक नाम नहीं
राम एक भाब हे ॥
अंत में भी अनंत का
अंधेर में प्रकाश का
स्पर्श सिर्फ राम हैं,
प्रेम में भी त्याग का
बांसुरी में कोदंड का
झंकार सिर्फ राम हैं,
मृत्यु में उद्रेक का
ध्वंश में बिनाश का
प्रलय में बिकाश का
सार ही ये नाम हैं |
राम एक नाम नहीं
राम एक सत्य हैं ,
राम एक नाम नहीं
राम एक भाब हे ॥
- डॉ पूजा दाश
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