हम तुम
जितनी शिद्दत दिखाई मुझे हारने में
अगर जीतने मे दिखाते तो आज हम एक होते ।
जितनी बेवफाई तुमने प्यार में दिखाई
अगर नफरत में दिखाते तो आज हम एक होते ।
जितनी दूरियां तुमने रिश्ते में म बनाई
अगर नजदीकियां बनाते तो आज हम एक होते ।
जितनी तडप तुमने मुझमें भराई
अगर खुद में भरते तो आज हम एक होते ।
जितनी समझदारी दुनियादारी में दिखाई
अगर पनपते रिश्ते में दिखाते तो आज हम एक होते ।
हमदम मेरे दुसरे में मुहब्बत न ढूंढ़कर
अगर मुझे ढूढते तो आज हम एक होते सीर्फ हम तुम ।
- सुनीता नायक
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