Header Ads

Shubhapallaba English Portal
  • Latest Post

    खुसी का नया साल


    पापा मम्मी की लाडली बेटी खुसी। उम्र ५ साल। उसने किसीको कहते हुए सुना था कि रात के १२ बजे नया साल (New Year) हो जाएगा।

    हर रोज १० बजे सो जाने वाली लड़की आज पापा का इन्तेजार कर रहा थी। 
    इतने में मम्मी बोली,

    "खुसी!! सो जा गुड़िया १०:३० होने को हे, क्या हुआ आज अभी तक जग रही हो?

    खुसी: थोड़ा रुको ना मम्मी, पापा अभि तक नही अये है। नया साल होने को आया, कब तक आएंगे वो? 

    मम्मी: बेटा पापा तो काम पर गए है ना। वो आते ही में तुम्हे उठा दूंगा अब सो जाओ। 

    खुसी: (नाराज होकर) मम्मी आप पापा को अभी फ़ोन करो मुझे बात करना है।

    "खुसी के पापा ड्राइवर थे। नए साल पर वो आपने मालिक और मालकिन को लेकर उनके महँगी वाली गाड़ी पर कोई बड़े से होटल गए थे। इस वजह से घर पर जा पाना नामुमकिन था।"

    खुसी की मम्मी ने उसके पापा को कॉल किया।

    खुसी: पापा आप कहाँ हो? कब तक वापिस आओगे? आप आओगे तो मिलकर नया साल मनाएंगे। 

    (खुसी के पापा सोच में पड़ गए क्या बोल कर मनाएं अपनी बेटी को? है भगवान आब झूठ बोलना पड़ेगा बच्ची को) 

    पापा: क्या बोल रही है मेरी गुड़िया!!!??? अभि तक नही सोइ!!!! अच्छा ठीक है नया साल मनाएंगे पहले ये बताओ सारे संसार के शक्ति के मूल कौन है? 

    खुसि: पापा सुराज भगवान, आपने ही तो बताया था।

    पापा: बहुत अच्छे गुड़िया। जब कल सबेरा होगा, अंधेरे के बाद उजाला होगा, सूरज भगवान आपने रोशनी से सब को ढेर सारा प्यार देंगे हम सब मिलकर नया साल मनाएंगे। 
    ये अंधेरे में नया साल मानते है तुम्हे किसने बताया ??!!

    खुसी: अच्छा तो वो दोनों भैया झूठ बोल रहे थे !!!! ठीक है में अब सो जाती हुँ। कल सुबह नया साल मनाएंगे। 

    (मध्यबित परिबरों के माता पिता को भगवान ने जितना समझाने की शक्ति दी है उनके बच्चों को भी उतनी समझ ने की शक्ति दी है।)

    उधर मालिक के नए साल की दावत खत्म होते होते सुबह हो गई। सुबह के ३ बजे उनको घर पर छोड़ कर अपने घर पहुंचे खुसी के पापा। 

    अपने मम्मी पापा के पैर छू कर नए साल की सुरुवात किया खुसी ने।

    उस रात सिर्फ खुसी नही उसके जैसे कई बच्चों ने इन्तेजार किया था अपने अपने पापा मम्मी का, नया साल मनाने केलिए , पर वो मुमकिन हो पाया था नए साल के नए सूरज के साथ।

    मूल ओड़िया रचना: पद्मलोचन (बापी)
    हिंदी अनुबाद: अन्नदा प्रसाद बारीक

    No comments

    Post Top Ad

    Shubhapallaba free eMagazine and online web Portal

    Post Bottom Ad

    Shubhapallaba Punjabi Portal