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    खुद से खुद को मिलवाती हूं

    January 13, 2021 0

    ढलती हुई शामों की मदहोश हवाओ  मे .. अक्सर खुद को गुमराह कर लेती हू .. वक्त की दायरे से  चुरा के  कुछ लम्हे ... खुद से खुद को मिलवाती हू ...।...

    पहेली सी जिदंगी...

    October 13, 2020 0

    एक पहेली सी है ये जिंदगी... एक पहेली सी हे ये जिंदगी... ना तू उलझ इसमें... ना इससे सुलझाने के कोशिश कर... बस निभा इसतरह किरदार अपना... के रख...

    यादों में लिखा

    September 30, 2020 0

    "था एक पल और कुछ थे यादें थी एक वक्त और कुछ थे लम्हे । यादों में आज भी सतेज जैसे फूल ना कब मुर्झाए ना हो कभी धूल । नएं दोस्त बनाएं और स...

    गुजरा पल और हम

    August 25, 2020 0

    कभी कभी जिंदेगी कुछ ऐसा कर देती है ना जाने कहां सुरु की थी भूल जाते हैं । आज कल सब अपना बनने लगे हैं कल कहां थे जब हम भीग रहे थे । कुछ करने ...

    माँ

    May 11, 2020 0

    मेरे होंठो की हसि दर्द में भी खुशी तुम्हें दे मेरे पैरो की चोट हसि तुम्हारी होंठो की छीनले । मेरे आँखो की आंसू पलकें तुम्हारे भिगा...

    जरुर आना

    April 20, 2020 0

    ये मुसीबत के दिन गुजर जाएंगे तो एक मुलाकात रखेंगे चाय पर तुम फिर आना हमसे मिलने और फिरसे हम चाय ठंडी कर देंगे सुनो काजल थोड़ा सा कम ल...

    हम तुम

    April 04, 2020 0

    जितनी शिद्दत दिखाई मुझे हारने में अगर जीतने मे दिखाते तो आज हम एक होते । जितनी बेवफाई तुमने प्यार में दिखाई अगर नफरत में दिखाते तो आ...

    राम

    April 02, 2020 0

    राम एक नाम नहीं राम एक भाब हे, राम सिर्फ तीर्थ नहीं राम अपनेमें ही एक धाम हे ॥ समाज में जो दुःख सभी सुख के स्वरतः सिर्फ राम हे, अ...

    सारे शहर को हुआ क्या?

    March 23, 2020 0

    ना जाने ये सारे शहर को हुआ क्या है? सुनसान सडकें, सुनसान सारे शहर, पेड, पौधे भी जैसे चुप हो गये हैं, चिड़ियाँ भी जैसे अपनी बोली भूल ग...

    होली..

    March 11, 2020 0

    गुलाबी रंग भी शर्मा जाएगा जब मेरे चेहरे पे तुम्हारे प्यार की लाली नजर आयेगा । पिला रंग भी छुप जाएगा जब मुझे तुम्हारे नाम की हल्दी लगेग...

    सफर 'सपनों से हकीक़त' तक

    February 04, 2020 0

    ये कई बरसों की बात थी, जहां खुदसे खुदकी लड़ाई थी, ना जितने के सुकून थे  ना हारने का कोई ग़म थे, बस एक नई सूरज की आस थी, और नई रोश...

    भाई

    January 29, 2020 0

    बचपन की वह लड़ाई और साथ साथ पढाई आज भी याद आती है भाई।। राखी के वह त्यौहार तेरा वह बेशुमार प्यार आज भी याद आती है भाई।। कोई भी ड...

    बात सिर्फ इतनी सी है

    January 28, 2020 0

    सागर की लहरों को कोई अपने घर के कुआँ में समेटना चाहता है;  सूरज की रौशनी को कोई अपने घर के बल्ब में समेटना चाहता है।  गरजते हुए बाद...

    फूल

    January 10, 2020 0

    जलन होतिहे तुम्हे देख के              तुम इतनी सुंदर क्यूं हो सिकायत तो उस खुदा से है जो         तुम्हे फुरसत से बनाया हो कोई भी रंग...

    ए दोस्त अलबिदा केहेना था

    January 06, 2020 0

    बाहर उस दिन कोई नया सबेरा था चारों दिशा ख़ुशहाली तन मैं ऊर्जा का संचार था अच्छे से जाना उसने तो पता चला कोई नया समय का प्रारम्भ था.. ...

    ख्वाब जो टूट गये

    January 06, 2020 0

    कुछ सुनहरे ख्वाबों को, जब मैंने पलकों में संजोकर रखना चाहा, आंखों से आंसू ऐसे निकले कि, सारे ख्वाब आंसू के साथ बह गये । उन ख़्वाबों...

    तू आगे बढ चल

    January 04, 2020 0

    तु आगे बढ़ चल रूकना नहीं झुकना नहीं यह निर्णय करले  कुछ कर गुजरना है तुझे नयी ईतिहास रचना है तूझे तू आगे बढ़ चल । उगता हु...

    चुप चाप सब बदल जाता है

    December 29, 2019 0

    मैं बढ़ रही थी, बचपन छूट रहा था पापा की नन्ही परी अब महलों की माल बन चुकी थी । सबकी नजरों में अब फर्क आने लगा था जिंदगी यूंही काट रही...

    शादी या बर्बादी

    December 12, 2019 0

    बहुत से ख्वाब बुनते हैं सब जब आती है बात शादी की । पर न रहता कुछ ख्वाब जैसा जब तब लगता है आगाज बर्बादी की ।। कभी तो उभरकर  न...

    हर कोई अपना लगेगा

    December 03, 2019 0

    देख तु अपने ही भीतर क्या कमी है क्यों दूसरों में खामियां टटोलता है पहले तो तू सम्भल जा स्वयं को देख मन दर्पन में तु कितना ...

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